हमारे मन के दो भाग हैं: पहला चेतन मन जिसे हम conscious mind कहते हैं, और दूसरा अचेतन भाग जो कि subconscious mind कहलाता है | दोनों के बहुत अलग-अलग कार्य हैं | जैसे कि जब आपकी उंगली कट जाती है, तब तुरंत ही आप conscious मन के अनुसार कार्य करते हैं और अपने घाव को धोकर उस पर पट्टी बांध लेते हैं ‍। यह प्रक्रिया conscious मन के द्वारा होती है, पर वास्तव में मन की जो अवस्था घाव को भरने में सहायता करती है वह है subconscious मन । सूजन की वजह से शरीर के अन्य भागों में संक्रमण नहीं हो पाता है, हमारी रोग प्रति रोधक क्षमता उत्पन्न Bacteria’s को मार देती है और  हमारा शरीर नई चमड़ी द्वारा घाव को भर देता है। यह सारी प्रक्रिया बिना हमारी चेतना अर्थात ज्ञान के subconscious मन के द्वारा होती है ।

जब भी हम hypnosis और hypnotharepy की बात करते हैं तब हम प्रायः subconscious मन की बात करते हैं । इस अदृश्य मन की शक्ति पर कोई संदेह नहीं है । हमारे समस्त जागृत कार्यों को अर्थात वह सभी कार्य जो हम जाग्रत अवस्था में सोच – समझकर करते हैं, उसका संचालन हमारे subconscious मन के द्वारा ही होता है । अपने पसंद के लोगों को चुनना, हमारा दूसरों के प्रति बर्ताव करने का तरीका, साथ ही वह सभी चीजें जो हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर सकते, हमारे मनोरंजन के तरीके, हमारी लैंगिक प्रवृत्ति, सभी हमारे subconscious मन के आधार पर ही होते हैं ।

वास्तव में subconscious मन विचार नहीं करता

Subconscious मन न तो तर्क करता है, न नतीजा निकालता है और न ही आलोचना करता है । Subconscious मन में सब कुछ या तो काला है या सफेद, या तो कुछ होता है या कुछ नहीं होता, यह कुल मिलाकर भावनाओं के प्रतिक्रियाओं का केंद्र होता है । इसमें दोनों ही तरह के ज्ञान शामिल होते हैं, पहली वो जो हमें जन्मजात मिलते हैं और दूसरी वो जिन्हे हमने अपने जीवन के दौरान एकत्र करते है ।

यह एक ऐसी मूल्यांकन प्रणाली है जो लगातार बढ़ती रहती है । हम जो कुछ भी अपने इंद्रियों द्वारा प्रति क्षण देखते या महसूस करते हैं, यह उन सभी चीजों को रिकॉर्ड करता रहता है । Subconscious मन भावनाओं के द्वारा conscious मन से बात करता है और इसके द्वारा यह हमें सुरक्षित रखता है । यह उन सभी चीजों का मूल्यांकन करने में सक्षम होता है, जिन्हें हम अपने पांचों इंद्रियों के द्वारा जीवन में महसूस करते हैं ।

Subconscious मन का कार्य पूरी तरह से अदृश्य होता है

हम किसी कार्य को करते समय, अपने subconscious मन की उपस्थिति को महसूस नहीं कर सकते, इसलिए हमारे पास कोई रास्ता नहीं होता जिससे हम यह जान सके कि इसमें ज्ञान अर्थात input की तुलना कैसे और किससे होती है ? किसी चीज को लेकर अचानक से महसूस होने वाले तनाव या डर की भावना का कारण, अतीत में हुए किसी घटना के कारण उत्पन्न हुए डर का परिणाम हो सकता है । इसी प्रकार जब आप अचानक से किसी भावना के प्रति खुश होते हैं तो इसका भी कारण कहीं ना कहीं हमारे subconscious मन से जुड़ा होता है ।

Subconscious मन की कार्यक्षमता बहुत तेज होती है

जब तक हमे किसी बाहरी उत्तेजना का अनुभव, अपने conscious मन के द्वारा होता हैं या हम उसके अनुसार प्रतिक्रिया करने के लिए तैयार होते हैं, तब तक हमारा subconscious मन उस उत्तेजना को हजारों बार महसूस कर चुका होता है और conscious मन से बहुत पहले ही, उस उत्तेजना के प्रति उचित प्रतिक्रिया तैयार कर लेता है। तभी हमारा conscious मन बीच में आ जाता है और यही समस्त विरोधों की उत्पत्ति होती है। आपका subconscious मन उन चीजों को करने या ऐसी प्रतिक्रिया देने के लिए आपको मजबूर करता है जो आपके conscious मन की प्रतिक्रिया से बिल्कुल अलग होता है।

Subconscious मन प्रायः चीजों को गलत तरीके से लेता है

यह अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य है कि subconscious मन का सबसे मुख्य उद्देश्य हमारी सुरक्षा करना है, पर कभी-कभी यह ऐसी गलतियां भी कर देता है जो वास्तव में सुरक्षा के लिए खतरा  बन जाती हैं । ऐसा प्रतीत होता है कि यही गलतियां प्राय: लक्षण या symptoms के रूप में दिखाई देती हैं। यदि हम मनोवैज्ञानिक रूप से लक्षणों को समझने का प्रयास करें तो यह हमारे ही व्यवहार का एक pattern है, जो हमारी वर्तमान परिस्थिति में कभी-कभी अनुचित प्रतीत होता है ।

हमारा subconscious मन हमारे conscious मन के तर्क नहीं सुनता

इसका मुख्य कारण क्या है कि subconscious मन हमारे conscious मन के साथ केवल भावनाओं के द्वारा ही बातचीत करता है और हमारी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है । यदि हम  उन भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को अपने conscious मन द्वारा नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, तो हमारा subconscious मन  हमें  दोगुनी ताकत से रोकता है ।

क्या आपने कभी यह समझने की कोशिश की है कि जब आप किसी चीज से डरते हैं और आपका conscious मन उस डर के कारण को नहीं समझ पाता । इस तथ्य को समझने के लिए हम Public Speaking के डर का उदाहरण ले सकते हैं । बहुत से लोगों में Public Speaking करने को लेकर डर की भावना होती है, जबकि  इसमें अधिक से अधिक क्या हो सकता है ? आप गलती करेंगे ? या आप भूल जाएंगे कि क्या बोलने वाले थे? लेकिन मुंह का सूखना, पैरों को रगड़ना, पेट मरोड़ना, धड़कनों का बढ़ना आदि मात्र आपके डर को दर्शाने वाले चिन्ह हैं । यह इन परिस्थितियों में बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है । यदि आप इस बात को जान जाए तब भी इस डर को दूर करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि आपके subconscious मन ने इन प्रतिक्रियाओं को याद कर लिया होता है  ताकि आप सुरक्षित रह सके और इन्हे बदलने का subconscious मन का कोई भी इरादा नहीं होता ।

इस प्रक्रिया को हम निश्चित रूप से हजारों वर्षों पूर्व हुए आदिमानवों के बचाव या सुरक्षा के चक्र से जोड़ कर समझ सकते हैं । इस तरह का बरताव इसलिए था क्योंकि यह हमारे subconscious मन के द्वारा संचालित होता था ताकि हम विपरीत परिस्थितियों में अपना बचाव कर सकें और सुरक्षित रह सके। इसमें conscious मन का कोई हाथ नहीं होता । साथ ही इसे हम conscious मन के आधार पर ठीक से समझ भी नहीं सकते।

Hypnosis के दौरान हम अपने subconscious मन से संवाद कर सकते हैं

Subconscious मन में होने वाली प्रतिक्रियाओं को Conscious मन के द्वारा बदलने का प्रयास करना बिल्कुल व्यर्थ है। Hypnosis के द्वारा हम subconscious मन की गहराई में जाकर इसमें उचित बदलाव करने का प्रयास कर सकते है । इस प्रकार Hypnosis हमें एक अद्भुत शक्ति प्रदान करता है । हम Hypnosis की अवस्था में जाकर, सुरक्षित रहते हुए, किसी भी प्रकार की negative  भावनाओं को दूर कर सकते हैं और अपने subconscious मन को नए और बेहतर प्रतिक्रिया के लिए reprogram कर सकते हैं ।

Hypnosis का लाभ हर कोई ले सकता है । यदि आप पाते हैं कि आप जो करना चाहते हैं वह नहीं  कर पा रहे हैं । और जो नहीं करना चाहते हैं, वह ना चाहते हुए भी कर रहे हैं; तो आप भावनात्मक रूप से अस्वस्थ हैं । हमेशा याद रखिए कि किसी भी प्रकार के लक्षण आपके subconscious मन के द्वारा एकत्र किए गए विचारों की अभिव्यक्ति से ज्यादा कुछ नहीं । Hypnosis हमें रास्ता देती हैं जिससे हम अपने subconscious मन के विचारों को बदल सके और इसे प्रकाश में ला सकें और साथ ही इसकी वैधता की दोबारा जांच कर सके तथा उचित सुझाव द्वारा इसमें जमा negative भावनाओं  को दूर कर सकें।

हमारे समाज में Hypnosis को लेकर बहुत सारी झूठी बातें और गलत धारणाएं प्रचलित हैं । जैसे कि Hypnosis के द्वारा लोगों को उनकी इच्छा के विरुद्ध उनसे किसी भी तरह के गलत काम करने के लिए उकसाया जा सकता है । दरअसल, Hypnosis  के द्वारा  किसी भी व्यक्ति में उसकी इच्छा के विरुद्ध बदलाव लाना संभव ही नहीं है । जब तक व्यक्ति के अंदर उचित बदलाव करने का संकल्प ना हो तब तक Hypnosis काम नहीं कर सकता। इसलिए जब हमें स्वयं में सुधार करने की बहुत कम संभावनाएं नज़र आए; तब हमें स्वयं में बदलाव लाने के लिए positive भावनाओं के साथ-साथ Hypnosis का सहारा लेना चाहिए ।